बताओ तो कहाँ गया विश्व बंधुत्व..

कुछ दिन पहले  Osho.com पर हिंदी में ओशो प्रवचनों के कुछ उद्धरण पढ़ रहा था. निम्नांकित उद्धरण पर मेरी नज़र टिकी : "अतीत के बुद्ध किसी सामाजिक क्रांति में उत्सुक नहीं थे। उनका संपूर्ण संबंध अपनी उपलब्धि से था, अपनी आध्यात्मिक उपलब्धि से था। एक तरह से वे स्व-केन्द्रित थे;...

ओशो को जन साधारण तक पहुँचाने का कार्य

यह बात वर्ष 1987-1988 के दिनों की है जब आश्रम में नीरज जैसे लोकप्रिय कवियों और कल्याण जी भाई जैसे संगीतकारों, तथा अन्य कलाकारों  का आना जाना शुरू हुआ और आश्रम में बुद्धा सभागार में उनके कार्यक्रमों के दौरान "फ्रेंड्स ऑफ़ ओशो" बैनर भी लगना शुरू हुआ. ओशो इनमें से...

गर याद रहे! 

5  जुलाई 2020 को महाराष्ट्र के गवर्नर माननीय श्री भगत सिंह कोशियारी को ओशो इंटरनेशनल फाउंडेशन के एक ट्रस्टी मुकेश सारडा ने अपनीओर से एक स्पष्टीकरण पत्र पेश किया था, जिसमें मुझे कुछ बिंदु रोचक लगे, उनमें से एक यह है : "ओशो इंटरनेशनल मेडिटेशन रिजार्ट एक शैक्षणिक फाउंडेशन है,...

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